Gaon Ki Beti Yojana: भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर बेटियों की शिक्षा, पोषण और विकास को लेकर कई वर्षों से लगातार चुनौतियाँ रही हैं। लेकिन अब समय धीरे धीरे बदल रहा है। सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और उज्जवल बनाने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। ऐसी ही एक सरकार के द्वारा एक नई पहल के अंतर्गत “गांव की हर बेटी को ₹5000” की सहायता राशि दी जा रही है, जो एक अभी तक एक बहुत ही ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
योजना का मकसद क्या है?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांव की हर बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। ताकि वे शिक्षा से बिलकुल भी वंचित न रहें और साथ ही साथ आत्मनिर्भर बन सकें। इससे न केवल बालिकाओं को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि ग्रामीण समाज में बेटियों के प्रति सोच में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
इस योजना का किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियों के लिए बनाई गई है। जो की इसके अंतर्गत निम्नलिखित शर्तें निर्धारित की गई हैं। जो की इस है की आप नीचे देख सकते है।:
- लाभार्थी लड़की की उम्र 6 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए
- वह किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में पढ़ाई कर रही हो
- परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम बिल्कुल होनी चाहिए
- लाभार्थी ग्रामीण क्षेत्र में निवास करती हो
आवेदन की प्रक्रिया
इस Gaon Ki Beti Yojana का लाभ पाने के लिए सरकार के द्वारा बहुत ही आसान प्रक्रिया अपनाई गई है:
- ऑनलाइन आवेदन: इस scholarshipportal.mp.nic.in सरकारी पोर्टल पर जाकर इसका आवेदन फॉर्म भरें
- दस्तावेज़: आधार कार्ड, स्कूल का प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, बैंक पासबुक की कॉपी
- प्रवेश की पुष्टि: स्कूल द्वारा छात्रा की पढ़ाई की पुष्टि की जाएगी
- बैंक खाते में राशि: ₹5000 की राशि सीधे छात्रा के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी
यह ₹5000 किस कार्य में खर्च किया जाएगा?
इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि को बेटियों की शिक्षा, यूनिफॉर्म, किताबें, स्कूल बैग, और स्टेशनरी जैसे शैक्षिक संसाधनों की खरीद में उपयोग किया जा सकता है। कई माता-पिता बेटियों की पढ़ाई छोड़वा देते हैं। क्योंकि उनके पास आर्थिक साधन नहीं होते। इसलिए यह सहायता राशि ऐसे परिवारों के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
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इस योजना के लाभ
शिक्षा को बढ़ावा: स्कूल छोड़ने वाली बालिकाओं की संख्या घटेगी
- कम उम्र में शादी पर रोक: आर्थिक मजबूरी के कारण कम उम्र में विवाह को रोका जा सकेगा
- स्वावलंबन: बेटियाँ खासकर आत्मनिर्भर बनेंगी और समाज में सम्मान पाएँगी
- लैंगिक समानता: लड़के-लड़कियों के बीच काफी ज्यदा तक भेदभाव कम होगा
सरकारी बयान
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह योजना भविष्य में और भी बड़ी राशि में परिवर्तित की जा सकती है। अगर इसका अच्छा असर देखने को मिलता है। तो फिर राज्य और केंद्र सरकार मिलकर इसे हर जिले और पंचायत स्तर तक पहुँचाने के लिए प्रयासरत हैं।
जमीनी हकीकत
शुरुआत में कुछ गांवों में जागरूकता की कमी देखी गई है। लेकिन पंचायतों, स्कूलों और महिला समूहों के सहयोग से अब अधिक से अधिक लोग इस योजना के बारे में जान रहे हैं। कई बालिकाओं ने इस राशि का उपयोग अपने स्कूल की फीस भरने और किताबें खरीदने में विषेशरूप से किया है।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि इस योजना में कई फायदे हैं, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ रही हैं:
- कुछ अभिभावक जो की बैंक खाते खुलवाने में अभी भी असमर्थ हैं
- तकनीकी जानकारी की कमी से ऑनलाइन आवेदन कठिन लग सकता है
समाधान:
सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर हेल्पडेस्क बनाए जा रहे हैं। ताकि ग्रामीण लोग इसे आसानी से आवेदन कर सकें।